पूर्वोत्तर क्षेत्र में सेब की खेती के माध्यम से परिवर्तन की लहर

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Krishi Samadhan

पूर्वोत्तर क्षेत्र में सेब की खेती के माध्यम से परिवर्तन की लहर

सेब दुनिया में सबसे ज्यादा उपभोग किए जाने वाले फलों में से एक है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अनुकूल कृषि जलवायु वाली परिस्थितियां होने के कारण यहां पर लो चिलिंग सेब की किस्मों के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस अवसर का लाभ प्राप्त करने के लिए, उत्तर पूर्व क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन सोसाइटी (NERCRMS), शिलांग द्वारा इस क्षेत्र में सेब की पैदावार करने और उसे बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस पहल की शुरुआत 2018 में पूर्वोत्तर परिषद (NEC), डोनर मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता के माध्यम से की गई थी।

इस पहल को किसानों, साथ ही विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों से बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। इस सफलता के आधार पर, पूर्वोत्तर परिषद (NEC), डोनर मंत्रालय, भारत सरकार ने अपना समर्थन जारी रखा और वर्ष 2020-21 में Promotion of Low Chilling Apple Plantation in NER of India परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की।

Free A cluster of ripe red apples growing on a tree branch in the orchard, showcasing their vibrant color and natural beauty. Stock Photo

NERCRMS द्वारा, Zero Valley Charity Mission Society (ZVCMS), अरुणाचल प्रदेश के सहयोग से, ZVCMS कार्यालय, लेम्पिया, जीरो में सेब के बगीचों का प्रबंधन और जैविक उर्वरक एवं जैव कीटनाशकों का वितरण पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इसके पश्चात, विभिन्न समुदाय आधारित संगठनों (CBOs) से 23 लाभार्थियों की पहचान की गई। उन्हें अपनी फसल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जैविक उर्वरक एवं कीटनाशकों के वैज्ञानिक उपयोग पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

हिंदू दांते, हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर, जीरो, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता की। दांते ने जीरो में कृषक समुदाय को सशक्त बनाने के लिए NEC, डोनर मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किए गए पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण CBO सदस्यों द्वारा अपने अंदर सूक्ष्म उद्यम की शुरूआत करने के लिए आवश्यक कौशल और दक्षताओं का विकास करने में लाभदायक सिद्ध हो रहा है। उन्होंने आयोजकों को प्रोत्साहित किया कि वे निकट भविष्य में इस प्रकार की और ज्यादा परियोजनाओं को लागू करें। कार्यक्रम के अंत में, लाभार्थियों को अपने बगीचों के लिए आवश्यक सामग्रियों की भी प्राप्ति हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, पूर्वोत्तर भारत शांति, प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का साक्षी बन रहा है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में किसान शक्ति को सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। इन पहलों के माध्यम से किसानों तक परिवर्तन की लहरें पहुंच रही हैं और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही हैं।

स्रोत – पीआईबी

निष्कर्ष

पूर्वोत्तर भारत में सेब की खेती की यह पहल न केवल एक कृषि प्रयोग है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में मजबूत कदम है। जैविक खेती, वैज्ञानिक प्रशिक्षण, और समुदाय आधारित दृष्टिकोण ने किसानों को केवल आधुनिक तकनीकों से ही नहीं जोड़ा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता की दिशा में भी प्रेरित किया है। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों के चलते यह क्षेत्र अब अपनी प्राकृतिक संभावनाओं को पहचान कर उन्हें साकार कर रहा है।

“पूर्वोत्तर की वादियों में अब केवल सेब नहीं उगते, वहाँ उगती हैं उम्मीदें, आत्मनिर्भरता और एक उज्जवल भविष्य की नींव!”

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