राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM)

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Krishi Samadhan

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM)

भारत में कृषि को आय का प्रमुख स्रोत माना जाता है, और इसमें मधुमक्खी पालन एक सहायक कृषि गतिविधि के रूप में तेजी से उभर रही है। मधुमक्खियाँ फसलों के परागण में प्रमुख भूमिका निभाती हैं, जिससे उत्पादन में 15% से 30% तक की वृद्धि देखी गई है। साथ ही, शहद, मधुमक्खी मोम, रॉयल जेली, प्रोपोलिस और पराग जैसे उत्पादों से किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर मिलता है।

इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (National Beekeeping and Honey Mission – NBHM) की शुरुआत की। यह मिशन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के “अन्य हस्तक्षेप” घटक के अंतर्गत कार्यान्वित किया गया है, जिसका क्रियान्वयन राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) द्वारा किया जा रहा है।

मिशन के प्रमुख घटक:

  1. बुनियादी ढाँचे का विकास – मधुमक्खी पालकों के लिए शहद संग्रह केंद्र, प्रोसेसिंग यूनिट, कोल्ड स्टोरेज और गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है।
  2. प्रशिक्षण एवं जागरूकता – मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक तरीकों, रोग प्रबंधन, वानिकी परागण और मूल्य संवर्धन पर किसानों, महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
  3. एफपीओ और SHGs को सहयोग – समूह आधारित मॉडल के ज़रिए ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें एफपीओ (FPOs), स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और सहकारी समितियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
  4. गुणवत्ता और निर्यात संवर्धन – देशभर में NMR आधारित टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की जा रही है, ताकि शहद की शुद्धता सुनिश्चित की जा सके और वैश्विक बाज़ार में भारतीय शहद की प्रतिष्ठा बनी रहे।
  5. अनुसंधान और नवाचार – मधुमक्खियों की नस्ल सुधार, जैविक मधुमक्खी पालन, जलवायु अनुकूल प्रबंधन और परागण आधारित कृषि अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रभाव और उपलब्धियाँ:

इस मिशन के चलते देश में मधुमक्खी पालन क्षेत्र में संरचना का विकास हुआ है। हजारों नए मधुमक्खी पालक जुड़े हैं, विशेष रूप से पूर्वोत्तर, पहाड़ी, और आदिवासी क्षेत्रों में। साथ ही, मिशन से कृषिउत्पादन में वृद्धि, आय में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन को बल मिला है।

भारत ने 2022-23 में लगभग 74,000 टन शहद का उत्पादन किया और लगभग 60 देशों को निर्यात किया, जिससे देश को मूल्यवान विदेशी मुद्रा भी प्राप्त हुई। यह मिशन “डबल इनकम फॉर फार्मर्स”, “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” जैसे अभियानों के उद्देश्यों से सीधे जुड़ा है।

निष्कर्ष:

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) एक समग्र और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादकता सुधारने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत है।

यह मिशन केवल शहद उत्पादन तक सीमित रहकर, कृषि क्षेत्र को बहुआयामी स्वरूप देकरआत्मनिर्भर किसान और समृद्ध भारतकी ओर ठोस कदम बढ़ा रहा है।

 

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