खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का विकास
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने और उसका समग्र विकास सुनिश्चित करने हेतु, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) अपनी केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं अर्थात् प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केन्द्र प्रायोजित – प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के माध्यम से देशभर में संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है। ये योजनाएं क्षेत्र या राज्य विशेष नहीं, बल्कि मांग आधारित हैं।
पीएमकेएसवाई के तहत, 15वें वित्त आयोग चक्र के लिए 5520 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना हेतु उद्यमियों को साख से जुड़ी वित्तीय सहायता (पूंजीगत सब्सिडी) प्रदान की जाती है।
पीएमएफएमई योजना के तहत, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की स्थापना/उन्नयन हेतु वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2025-26 तक की अवधि के लिए जारी है।
पीएलआईएसएफपीआई का उद्देश्य अन्य बातों के साथ-साथ वैश्विक खाद्य मैन्यूफैक्चरिंग चैंपियनों के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य उत्पादों के भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना है। यह योजना 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2021-22 से 2026-27 की अवधि के लिए जारी है।
पीएमएफएमई योजना के संबंधित घटक के तहत एफपीओ/एसएचजी/सहकारी समितियों या सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एक विशेष प्रयोजन वाहन के समूहों को ब्रांडिंग एवं विपणन संबंधी सहायता के लिए 50 प्रतिशत तक का अनुदान उपलब्ध है।
स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु, पीएमएफएमई योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) दृष्टिकोण को इनपुट की खरीद, साझा सेवाओं का लाभ उठाने और उत्पादों के विपणन के मामले में पैमाने का लाभ उठाने के उद्देश्य से अपनाया गया है। यह मूल्य श्रृंखला के विकास और सहायक बुनियादी ढांचे के संरेखण के लिए रूपरेखा प्रदान करता है। राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों द्वारा ओडीओपी की पहचान कृषि उत्पादन, कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पाद की खराब होने की क्षमता आदि के आधार पर की जाती है।
एमओएफपीआई ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कच्चे माल की बेहतर उपलब्धता हेतु प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत 15 राज्यों में 10 फलों के लिए 40 क्लस्टर, 25 राज्यों में 11 सब्जियों के लिए 97 क्लस्टर और समुद्री क्षेत्र के लिए 1 राज्य में 1 क्लस्टर की पहचान की है। उत्पादन समूहों की सूची अनुलग्नक में दी गई है।
एमओएफपीआई की योजनाओं का उद्देश्य, अन्य बातों के अलावा, मूल्यवर्धित उत्पादों को विकसित करना, देश में किसानों को लाभ पहुंचाना और उनके उत्पादों की कीमत एवं उनकी आय में वृद्धि करना है।
एमओएफपीआई का लक्ष्य खाद्य उत्पादों के संरक्षण व प्रसंस्करण तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के आधुनिकीकरण/क्षमता में वृद्धि को बढ़ावा देना है और मंत्रालय संबंधित योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार विभिन्न प्रकार के खाद्य प्रसंस्करण की स्थापना के लिए संभावित उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
जहां कुछ खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भारत में कोविड महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के कारण अस्थायी व्यवधान और बंदी का सामना करना पड़ा, वहीं समग्र रूप से इस उद्योग को पूर्ण बंदी से नहीं गुजरना पड़ा और कई व्यवसायों ने कामकाज जारी रखने के लिए स्वयं को अनुकूल बनाया।
लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का सहायता प्रदान करने हेतु, एमओएफपीआई ने अधिकारियों की एक समर्पित टीम और एक कोविड शिकायत सेल का गठन किया था। टीम ने खाद्य उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला लॉजिस्टिक्स आदि की लगातार निगरानी की और उद्योग के 649 कोविड संबंधित शिकायतों के समाधान की सुविधा प्रदान की और 100 से अधिक कंपनियों को अपना कामकाज फिर से शुरू करने में सहायता की। इस क्षेत्र को अधिकतम लाभ प्रदान करने एवं समस्याओं का समाधान करने हेतु उद्योग संघों, अग्रणी प्रोसेसरों, निर्यातकों, एफपीओ, खुदरा विक्रेताओं और अन्य हितधारकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 12 उद्योग संबंधी बातचीत भी आयोजित की गईं।
उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, देश में कोविड-19 से पहले और बाद में पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या इस प्रकार है -:
वर्ष | पंजीकृत इकाइयों की संख्या |
2018-19 | 40,579 |
2019-20 | 41,484 |
2020-21 | 41, 938 |
2021-22 | 41,913 |
2022-23 | 42,801 |
देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए, जिसमें कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटना भी शामिल है, एमओएफपीआई ने आत्मनिर्भर भारत पहल के हिस्से के रूप में कई उपाय किए हैं, जिनमें (ए) नई केन्द्र प्रायोजित पीएमएफएमई योजना; (बी) नया केन्द्रीय क्षेत्र पीएलआईएसएफपीआई; (सी) टमाटर, प्याज एवं आलू से लेकर 41 अधिसूचित फलों व सब्जियों तक ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत परिवहन और भंडारण संबंधी सब्सिडी के दायरे का विस्तार शामिल है।
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