“बीज से भविष्य तक: बीज और रोपण सामग्री पर उप–मिशन (SMSP) – उन्नत कृषि की पहली सीढ़ी“
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बीज की गुणवत्ता और रोपण सामग्री की शुद्धता खेती की सफलता का आधार होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (Sub-Mission on Seeds and Planting Material – SMSP) की शुरुआत की है। यह मिशन राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत आता है और किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, रोपण सामग्री, तथा इससे जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
SMSP का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक, उच्च उत्पादकता वाले और रोग-प्रतिरोधी बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है ताकि वे कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकें। मिशन के अंतर्गत बीज उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण के लिए अवसंरचना विकास पर विशेष बल दिया गया है।
इस उप-मिशन के अंतर्गत सरकार निम्नलिखित प्रमुख कार्य कर रही है:
- गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन और प्रमाणीकरण
- राज्य स्तरीय बीज निगमों और प्रजनक बीज इकाइयों को सहायता
- निजी बीज उत्पादकों और कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) को सहयोग
- बीज भंडारण और वितरण केंद्रों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण
- प्रशिक्षण और किसानों को जागरूक करना
इस योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि छोटे और सीमांत किसान भी गुणवत्तायुक्त बीजों तक पहुंच प्राप्त कर सकें। “बीज ग्राम” जैसी पहलें भी इसी मिशन के अंतर्गत चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य है गांवों में ही बीज उत्पादन कर स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
इसके अलावा, नई किस्मों के परीक्षण और प्रोत्साहन हेतु अनुसंधान संगठनों और कृषि विश्वविद्यालयों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
🔚 निष्कर्ष:
बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन (SMSP) न केवल किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराता है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नींव भी मजबूत करता है। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है बल्कि फसल की गुणवत्ता में भी सुधार आता है।
“उन्नत बीज, समृद्ध किसान – SMSP से साकार हो रहा है आत्मनिर्भर कृषि का सपना!”
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