~ लेखक: hem raj chauhan

उन्नत खेती खुषहाल किसान .........आप संग हम हैं कृषि समाधान
हमारा राष्ट्र कृषि प्रधान है । यानि हमारे किसान खेतों में मात्र हल नहीं जोतते बल्कि वो बंज़र भूमि के कागज़ पर हल रुपी क़लम से लिखते हैं भारत की तक़दीर, उसका सुनहरा भविष्य और खुषहाल राष्ट्र की उन्नत गाथा । जिस किसान के पसीने की बूंदों की तपिष से देषवासियों का अन्न पकता हो, उसकी समस्त समस्याओं को हम आज तक समाधान तक लाने में क्यों असमर्थ रहें, यह प्रष्न दषकों से यक्ष प्रष्न बनकर सामने हैं । कभी पानी नहीं सूखा ही सूखा, कभी पानी बाढ़ बन जाता है, कभी खेत मेहरबान होते हैं पर मार्केट नहीं मिली तो कभी सड़कों पर फसलों में लगती आग अथवा खुले में पानी के तालाब में सारा का सारा अन्न.........ये समस्या नहीं बल्कि किसानों की आत्महत्या के लिए मज़बूर करते कारण हैं जिन पर सोचना तो बदस्तूर जारी है किंतु समाधान अभी प्रतीक्षालयों में आराम फरमा रहा है ।
इतना ही नहीं, किसान गेंहू, मक्का, बाजरा, जौ, अदरक, लहसुन, प्याज, फल और सब्जियों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि अब जैविक खेती को मिलाकर नई से नई व्यवसायिक, घरेलु एवं औषधीय पौधों की खेती की ओर निरंतर अग्रसर है । ऐसे में न तो उसकी इस खोज पर, न ही नई तकनीक पर और न ही उसके प्रयासों पर आम जन तक समुचित सूचना पहुंची है और न ही किसान को उसके लिए उचित पुरस्कार । यही कारण है कि किसान एक धीमी सी निराषा में कोल्हु में चक्कर काटता जा रहा है और अपने लिए एक सम्मानजनक परिस्थिति की प्रतीक्षा भी कर रहा है ।
किसान और खेती की पीड़ा को एक लंबे समय से समझने के बाद, उसके व्यवहारिक पक्ष को अपनाते हुए हम किसानों के बीच, किसानों की बात, खेती की चर्चा, नई तकनीक, मार्केट और उचित दाम व मुआवज़ा जैसी समस्याओं पर मंथन के साथ ही आपके लिए आपके साथ कृषि समाधान लेकर उपस्थित है । एक ऐसा मंच जहां जानकारी और जागरुकता तो है ही, उसकी पृष्ठभूमि में उपरोक्त समस्त समस्याओं का वैज्ञानिक और आर्थिक हल भी समाहित है । देष में समस्त किसानों को जोड़ने और कृषि में नए आयामों को छूने का प्रयास है.....कृषि समाधान । आईए हम सभी साथ चलते हैं, खेतों में, फसलों के बीच, किसानों के साथ, देष की कृषि आधारित उन्नत अर्थव्यवस्था को संबल करने....करते हैं कृषि समाधान ।
हेम
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