ग्राफ्टिंग वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा आप अपनी पसंद की सेब की किस्म से एक पौधे के ऊतक को दूसरे पौधे के ऊतकों में प्रविष्ट कराते हैं । इस प्रक्रिया से दोनों के वाहिका ऊतक आपस में मिल जाते हैं और पौधा तैयार होता है । सेब के पेड़ो में ये प्रक्रिया सर्दिओ में की जाती है । यूँ तो ग्राफ्टिंग के कई तरीके होते हैं, लेकिन सबसे कारगर रूटस्टॉक ग्राफ्टिंग को माना जाता है । इस विधि में किसान को किसी भाग को काटने की आवश्यकता नहीं पड़ती । इसके बजाय, बस कुछ छाल को रूटस्टॉक से हटा दें तथा छाल और आंतरिक लकड़ी के बीच स्कोन को डाल दे ।सेब का पौधा ज्यादातर शील्ड बडिंग द्वारा भी ग्राफ्ट किए जाते हैं, जो बहुत कारगर मन जाता है । शील्ड बडिंग में, स्टेम के एक शील्ड टुकड़े के साथ एकल बड कलम के साथ काटा जाता है और सक्रिय विकास अवधि के दौरान टी आकार वाले चीरे के माध्यम से रूटस्टाक का छिलका नीचे की ओर डाला जाता है। बडिंग तब की जाती है जब बड गर्मी के दौरान पूरी तरह से निरूपित हो जाते हैं।
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