एंटी-हेल नेट के फायदे और नुक्सान
ओलावृश्टि होने के कारण किसानों-बागवानों को भारी नुक्सान उठाना पड़ता है। मार्च से मई महीने के बिच होने वाली ओलावृश्टि केवल सेब को ही नहीं बल्कि सब्जियों और अन्य फसलों को भी नुकसान होता है । कारणवश, किसानों को फसल बचाने के लिए एंटी-हेल नेट का इस्तेमाल करना पड़ता है । एंटी-हेल नेट के फायदों पर एक नज़र डाले तो ये न केवल बजरी से सेब के बीमे और फल को नहीं बचाती है, बल्कि वृक्ष की पतियों को भी बचाने में कारगर साबित होती है। हालाँकि, सरकार की सब्सिडी के बावजूत इसकी कीमते बहुत अधिक हैं और मध्यम वर्ग का किसान इसे लेने में हिचकिचाता है। एंटी-हेल नेट को लगाने और उतारने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एक और नुक्सान जिसकी अक्सर बात की जाती है कि एंटी-हेल नेट पेड़ो की वृद्धि को रोक देता है ।
एंटी हेल नेटिंग क्या है?
एंटी-हेल नेट फसलों के लिए तेज़ हवाओं, ओलावृष्टि और यहां तक कि पक्षियों से भी सुरक्षा कवच हैं। ओले फसलों को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं, पौधे टूट सकते हैं और पत्तियां और फल झड़ सकते हैं। ओलावृष्टि के प्रभाव को कम करने और फसल सुरक्षा के लिए अब कृषि में एंटी-हेल नेट का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है । जाल विशेष रूप से उच्च-घनत्व पॉलीथीन से बुने जाते हैं।
प्रत्येक किसान के लिए एंटी-हेल नेटिंग एक अच्छा निवेश है। जिससे आपकी फसलों को ओलों, हवा और बर्फ से बचाकर सुरक्षित और स्वस्थ रखने में मदद करती है। एंटी हेल नेट को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि इसे स्थापित करना और हटाना आसान है।
एंटी-हेल नेटिंग एक प्रकार का उन्नत जाल है जो फलों के पेड़ों, सब्जियों और अन्य पौधों को ओलों और पक्षियों से बचाता है। ओलावृष्टि कृषि के लिए सबसे खतरनाक मौसम की स्थिति है। यह कुछ ही मिनटों में पूरे खेत को नष्ट करने की क्षमता रखता है। पौधों की सुरक्षा के लिए एंटी-हेल नेटिंग एक प्रभावी रणनीति है। यह संयंत्र के निरंतर उत्पादन को सुनिश्चित करता है।
यह जाल न केवल फल को ओलावृष्टि से बचाता है, बल्कि इसे पर्याप्त धूप मिलने की अनुमति देकर पक्षियों को इसे नुकसान पहुंचाने से भी बचाता है। एचडीपीई (उच्च घनत्व पॉलीथीन) जाल में 4 मिमी x 7 मिमी जाल छेद होते हैं। नतीजतन, कपड़ा हल्का लेकिन सख्त है, दाग, फटने, टूटने और घर्षण का प्रतिरोध करता है। एंटी-हेल नेटिंग भी पैदावार को 10% तक बढ़ा सकती है।
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